आपराधिक मानहानि का मामला :गुजरात हाई कोर्ट से राहुल गाँधी को नहीं मिली राहत, छुटियों के बाद आएगा आदेश
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- May 2, 2023
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गुजरात हाई कोर्ट ने मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गाँधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें अंतरिम राहत देने से मना कर दिया।
गाँधी ने आपराधिक मानहानि के मामले में सूरत कोर्ट द्वारा दोषी ठहराए जाने के आदेश के खिलाफ गुजरात हाई कोर्ट मे याचिका दायर कर दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग की थी।
मार्च में सूरत की एक कोर्ट ने इस मामले में उन्हें दोषी पाते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी जिसके बाद उनकी लोक सभा की सदस्य्ता भी चली गई थी।
राहुल गाँधी ने सूरत कोर्ट के आदेश के खिलाफ गुजरात हाई कोर्ट का रुख किया था।
गाँधी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने हाईकोर्ट के समक्ष अपनी प्रस्तुति में कहा कि आपराधिक मानहानि से जुड़ा यह पहला मामला है जिसमे अधिकतम सजा दी गई है।
सिंघवी ने कोर्ट से याचिका पर आज ही आदेश देने की मांग की थी लेकिन कोर्ट ने गर्मी की छुटियों के बाद इस मामले में आदेश पारित करने को कहा है।
जस्टिस हेमंत प्रच्छक की एकल पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए फ़िलहाल कोई अंतरिम सुरक्षा प्रदान किये बिना इस मामले को गर्मी की छुट्टियों के बाद अंतिम आदेश के लिए सुरक्षित रख लिया है।
इस मामले में भाजपा नेता परनेश मोदी की शिकायत पर 23 मार्च को सूरत की एक अदालत ने गाँधी को दोषी ठहराया था। गाँधी पर आरोप था कि अपनी टिप्पणी के माध्यम से उन्होंने पुरे मोदी समुदाय को बदनाम किया है।
सेशन कोर्ट ने 13 अप्रैल को इस मामले की सुनवाई कर आदेश सुरक्षित रखा था।
20 अप्रैल को गुजरात की सेशन कोर्ट ने निचली अदालत द्वारा आपराधिक मानहानि के मामले में दोषसिद्धि को बरक़रार रखा था।
ग़ौरतलब है कि गाँधी को अप्रैल 2019 में कर्नाटक के कोलार में एक राजनीतिक अभियान के दौरान उनके द्वारा की गई टिप्पणी “सभी चोर मोदी उपनाम क्यों साझा करते हैं” पर सूरत की अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया था। गाँधी ने इस मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगाने के लिए सूरत की एक सत्र अदालत में याचिका दायर की थी।